Thursday, March 27, 2008

8.15 बिसवासघाती अउरत

[कहताहर - रामचन्द्र मिस्त्री, स॰शि॰, मो॰-पो॰ - सोननगर, जिला - औरंगाबाद]

एगो सहर में भारी राजा हलन । उनकर चार गो बेटा हलन । बड़का लड़का बड़ा बढ़िया हलन तइयो सहर के चुगला सब राजा भीर उनकर सिकाइत करके दू बरस दू बरस ला जंगल में निकलवा देलक । राजकुमार जंगल में जाय लगलन तो उनकर अउरत 'चन्द्रप्रभा' भी घिघिआ के साथ हो गेलथिन । ऊ कहलकथिन कि "बिन मरद के अउरत कइसे जीअत । से हमहूँ अपने के साथ जंगले में रहब !"

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