Monday, February 11, 2008

1.12 बिसेसरवा

[ कहताहर - नारायण दास, ग्राम - खुटहन, जिला - औरंगाबाद ]

बिसेसरवा नाम के एगो ब्रह्मन हलन । उनका सादी न भेल हल । एक दिन ऊ जाके भावी (Future prophet) से पूछलन कि हमरा केकरा से विआह होवत ? भावी कहलक कि तोहर गाँव में एगो धोबी रहऽ हवऽ, ओकरे बेटि से तोर सादी होतवऽ । एकरा पर ऊ बाबा जी भावी के दू लात मारलन आउ कहलन कि हम पंडित ही आउ धोबिन से हम्मर सादी होयत । एतना कहके ऊ अपन गाँव चल अयलन । ऊ पंडित जी धोबिया के लड़किया के मारे ला बड़ी उपाय रचलन । धोबिया एक दिन अपन बेटी के साथे कपड़ा धोवे गेल । एने पंडित जी ओकर घरवा में आग लगा देलन आउ दउड़ल-दउड़ल आन के धोबिया भीर खबर जना देलन । धोबिया अपन बेटी के बिसेसरवा पंडित पर छोड़ के आग बुतावे ला दउड़ल । एने पंडित जी ऊ लड़किया के जाँघ चीर के ओही नदी में दहा देलन । दहइत-दहइत ऊ लड़की एगो ब्राह्मण से छानल गेल । ऊ बाबा जी के कोई संतान न हल । सेकरा से ऊ पंडित जीलड़किया के खूब अच्छा से पोसे लगलन । पोस के जवान कर देलन तब ओकर विआह करे ला वर खोजे निकललन ।

********* Entry Incomplete **********

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